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मशरूम की खेती ने दिखाई नई राह,आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

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जिले के बेरमो एवं चंदनकियारी प्रखंड की 88 एसएचजी से जुड़ी 312 महिलाएं कर रही मशरूम उत्पादन।

मशरूम से लाखों की हो रही आमदनी,ग्रामीण क्षेत्र की दूसरी महिलाओं को भी मिल रही है प्रेरणा।

बोकारो ,प्रतिनिधि

बटन मशरूम की खेती जिले की कई महिलाओं को तरक्की की राह दिखा रही है। महिलाएं पूरे वर्ष मशरूम का उत्पादन कर रही हैं। इससे वे अच्छा मुनाफा कमाकर आत्मनिर्भर भी हो रही हैं। साथ ही क्षेत्र की कई महिलाएं मशरूम की खेती के लिए कम्पोस्ट तैयार कर उत्पादकों को भी इसकी बिक्री कर रही हैं। जिले के बेरमो एवं चंदनकियारी प्रखंड* में पैदा होने वाले मशरूम एक अलग पहचान दे रहे हैं।

जिला प्रशासन के पहल पर जिले में मशरूम की खेती को बढ़ावा मिला। जिससे यहां विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने मशरूम की खेती को आजीविका के रूप में उत्पादन कार्य सीखने का मन बनाया। वर्ष 2022 में जिला ग्रामीण विकास विभाग एवं झारखंड स्टेट लाइवलीहूड प्रमोशन सोसाइटी ने चिन्हित एसएचजी दीदीओं को एक्सपोजर भ्रमण के दौरान

बिहार के गया जिला स्थित बुद्धा मशरूम प्लांट ईथारी का भ्रमण कराया गया।

साथ ही आरसेटी संस्था द्वारा जिले में भी मशरूम उत्पादन की बारीकियों से महिला समूह की दीदीओं को अवगत कराया।

पूरे प्रशिक्षण सत्र में बेरमो एवं चंदनकियारी प्रखंड की महिला समूह की दीदीओं ने मशरूम उत्पादन से जुड़ी बातों को जाना और उसके बाद जिला प्रशासन के सहयोग से पीछे मुड़कर नहीं देखा।

कुल 312 दीदीओं को मशरूम उत्पादन के लिए 13,075 बैग बुद्धा मशरूम प्लांट ईथारी द्वारा उपलब्ध कराया गया। जिसके बाद दीदीओं ने छोटे – छोटे समूह में मशरूम की खेती शुरू की। जिसके बाद मशरूम उत्पादन का कार्य बेरमो एवं चंदनकियारी प्रखंडों के विभिन्न गांव में शुरू हुआ।

समूह ने 30,72,625 का शुद्ध लाभ किया अर्जित

वर्तमान में जिले के 88 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 312 दीदी मशरूम की खेती कर रही है। पहली बार में ही दीदी समूहों ने 32687.5 किलो मशरूम उत्पादन किया। इसके लिए कुल 18 लाख 30 हजार 500 रुपए का निवेश दीदीओं द्वारा किया गया। दीदीओं ने मशरूम का बिक्री करके 49 लाख 03 हजार 125 रुपये प्राप्त किया। ऐसे में मशरूम उत्पादन कर रही दीदीओं ने कुल 30 लाख 72 हजार 625 रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। मशरूम उत्पादन कर महिलाओं के आत्मनिर्भरता/स्वलंबन को देखकर आस – पास की और ग्रामीण महिलाएं भी ऐसा करने के लिए प्रेरणा मिल रही है।

शहरी बाजार में बटन मशरूम मचा रही धूम

जिले के दो प्रखंड बेरमो एवं चंदनकियारी के दर्जनों गांव में उत्पादित बटन मशरूम इन दिनों शहरी बाजार में धूम मचा रही है। समूह से जुड़ी दीदीओं का मशरूम शहरी बाजार को काफी भा रहा है। जिले के चास, बोकारो स्टील सिटी, फुसरो, जैनामोड़ और आस – पास के जिलों धनबाद व रामगढ़ में जिले के उत्पादित मशरूम की बिक्री जोरों पर है। ऐसे में समूह से जुड़ी दीदीओं का उत्साह चरम पर है।

जिले  के उपायुक्त, कुलदीप चौधरी ने कहा की एसएचजी दीदीयां मशरूम की खेती कर आत्मनिर्भर हो रही हैं। मशरूम की खेती में लागत कम और आय अच्छी प्राप्त होती है। जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों के साथ कंवर्जेंस के तहत 88 एसएचजी समूहों को मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण दिलाया। जिसका परिणाम उत्साहवर्धक है। अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी इससे प्रेरणा मिलेगा।

 

बता दे कि बेरमो एवं चंदनकियारी प्रखंड से संबंधित स्वयं सहायता समूह से जुड़ी दीदीओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं एक नई आजिविका गतिविधि से जोड़ने को लेकर उन्हें डीआरडीए – जेएसएलपीएस कंवर्जेंस के तहत गया स्थित बुद्ध मशरूम प्लांट में एक्स्पोजर विजिट कराया, बाद में आरसेटी के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण दिलाया। वर्तमान में जिले की 312 दीदी मशरूम का रिकार्ड उत्पादन कर रही है।

 

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