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तेलो में लाखो रुपये से बनी कोल्ड स्टोर के लाभ से वंचित है किसान।

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तेलो से ,डि.सी महतो के खास रिपोर्ट
प्रखंड चंद्रपुरा के तेलो मध्य पैक्स के समीप भवन प्रमंडल बोकारो की ओर से लाखो रुपये की लागत से बने 30 मैट्रिक टन क्षमता वाली कोल्ड स्टोर का लाभ स्थानीय किसानों को नहीं मिल पा रही है।

तेलो कोल्ड स्टोर का संचालन करने की जिम्मेवारी तेलो पैक्स को दिया गया है।

वही पैक्स समिति अध्यक्ष गणेश महतो से पूछे जाने पर बताया कि कोल्ड स्टोर चालू किया गया था । बिजली बिल अधिक उठने के कारण बंद रखा गया है।

बता दे कि  किसानो के बीच जानकारी व जागरूकता के अभाव के कारण निर्माण के लगभग एक वर्ष  बीत जाने के बाद भी 30 मैट्रिक टन वाली शीत गृह मे अब तक  1 किलो भी किसानो की उत्पादित फसल नही रखा जा सका है।

कोल्ड स्टोर के संचालन नही होने के कारण मजबूरन किसान 40 किमी दुर पेटरवार मे जाकर कोल्ड स्टोर मे बीज के रूप मे अपनी फसल रखने को मजबुर है। शीत गृह का लाभ स्थानीय किसानों को नहीं मिलने के पीछे अधिकारियो की लापरवाही  बताई जा रही है ।

 मुखिया ,पंचायत समितियों ने भी आज तक नही लिया तेलो में निर्मित कोल्ड स्टोर का सुन्ध।

वहीं किसान इसके औचित्य पर भी सवाल उठाने लगे है कहते है सिर्फ ठीकेदारी के लिये कोल्ड स्टोर बनाया गया है । चंद्रपुरा प्रखंड कृषि आधारित क्षेत्र है जिसमे कई गांव आते है जैसे तेलो ,पपलो, तरानारी, जुनोरी,, खलचो,तरंगा, नर्रा , आदि पंचायतों के किसान धान के अलावा हरी सब्जी की खेती कर जिविकापार्जन करते है।

किसानों द्वारा उत्पादित फसल का बाजार मूल्य सही नहीं रहने कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठानी पड़ती है । जिसे लेकर तेलो में 30 मैट्रिक टन वाले कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करवाया गया था ।

जिसके पीछे सरकार की मंशा थी की ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे किसान अपने उत्पादित फसल का बाजार मूल्य नहीं रहने के स्थिति में सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम राशि लगाकर कोल्ड स्टोर में रख सकते है तथा बाजार के भाव नहीं रहने पर वह फसल ऊंचे दाम पर बेच आर्थिक लाभ उठा सके ।

अधिकारियों के लापरवाही के कारण उक्त कोल्ड स्टोर की संचालन की जिम्मेवारी कागजी फाइलों में ही रह गया।

कोल्ड स्टोर कैसे चालू होगा संचलन कौन करेगा । सहकारिता विभाग ,या प्रखण्ड दूर- दूर तक कोई मतलब दिखाई नहीं दे रहा है। ना ही  पंचायत प्रतिनिधियों के दुवारा कोई पहल की जा रही है । जिसके कारण प्रखंड के विभिन्न गांव के किसान सस्ते दामों पर फसल हाट बाजार में बेचने को विवश है ।

जिस समय किसान 1 रुपये किलो टमाटर बेच रहे थे  उस समय से कोल्ड स्टोर चालू रहता तो आज किसान टमाटर में अच्छी मुनाफा कर सकते थे। जो आज अधिकारियो के लापरवाही के कारण प्रखंड के किसान वंचित है ।

 

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