जंगलों से बचकर भूखी प्यासी महिला नक्सली पहुंची बोकारो एसपी के आवास, खड़ी होकर बोली मुझे बंदूक नहीं प्यार चाहिए।

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प्रतिनिधि,बोकारो
जिले के लुग्गु पहाड़ में सुरक्षा बलों द्वारा 8 नक्सलियों के मारे जाने के एक सप्ताह बाद 28 अप्रैल सोमवार को सुबह एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है वाइस वर्षीय महिला उग्रवादी सुनीता मुर्मू एसपी बोकारो मनोज स्वर्गियारी के आवास पर पहुंचकर उसने बताया कि वह भी उस मुठभेड़ का हिस्सा थी लेकिन गोलियों के बीच से किसी तरह बच जंगलों में छिपते हुए कई दिनों तक भूखे प्यासी भटकती रही।र
गोमिया से ट्रेन पकड़ी और चंद्रपुरा होते हुए एसपी आवास तक पहुंची सुनीता।
ने एसपी से आग्रह किया कि वह आत्मसमर्पण कर एक नई जिंदगी शुरू करना चाहती है एसपी ने उसे कार्यालय लाकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर सरेंडर प्रक्रिया पूरी कराई और भोजन भी कराया सुनीता मुर्मू ने आत्मसमर्पण के दौरान बताया कि वह भाकपा माओवादी संगठन की सक्रिय सदस्य थी वे दुमका जिले के अमर पानी गांव की रहने वाली हे।
सुनीता ने स्वीकार किया कि वह गिरिडीह जेल में पहले 3 साल तक न्यायिक हिरासत में रह चुकी है हाल ही में वह लुग्गु पहाड़ में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में भी दस्ते का हिस्सा थी झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण और पूनवार्स नीति तथा लगातार बढ़ते पुलिस दबाव से प्रभावित होकर उसने हिस्सा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया।
वहीं पत्रकारो से बातचीत में सुनीता ने अपनी आपबीती सुनाई उसने बताया कि वह गरीब परिवार से आती है और उसके परिवार में माता-पिता और एक भाई है वर्ष 2017 में नीलू नामक एक जानकार महिला ने उसे सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के बहाने जंगलों में बुलाया और फिर जबरन माओवादी संगठन में शामिल कर दिया उसे कैंप में संत्री ड्यूटी खाना बनाना और संगठन की विचारधारा का प्रचार करने का कार्य सौपा गया धीरे-धीरे वह संगठन के हर छोटे बड़े कार्यो में भाग लेने लगी।
एसपी बोकारो मनोज स्वर्गियारी ने बताया कि लुग्गु पहाड़ की मुठभेड़ में छह सात नक्सली बचकर भागे थे जिनमें से सुनीता एक है अन्य नक्सलियों की तलाश जारी है एसपी ने आशा जताई कि अगर वे भी अपने भविष्य और परिवार के प्रति चिंतित होंगे तो जल्द ही आत्मसमर्पण कर सकते हैं उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की सरेंडर नीति के तहत सुनीता को सुरक्षा प्रदान की जाएगी और उसे ओपन जेल में रखा जाएगा ताकि वह समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके झारखंड सरकार के निर्देश पर बोकारो पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया डीजीपी के आदेश पर 209 कोबरा, बोकारो पुलिस ललपनिया ओपी, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से 21 अप्रैल 2025 को लुग्गु पहाड़ क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन किया मुठभेड़ में भाकपा माओवादी के केंद्रीय समिति सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ उग्रवादी मारे गए अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार गोलियां और दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई।
लूगु पहाड़ मुठभेड़ में प्रयाग मांझी जैसे शीर्ष नेता की मौत से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है संगठन की रीढ़ माने जाने वाले कई प्रमुख कैडर भी मारे गए इससे बचे हुए माओवादियों मे हड़काम है सुनीता मुर्मू ने भी इसी दबाव और सरकार की पुनर्वास नीति के चलते 28 अप्रैल सोमवार को बोकारो एसपी कार्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया सुनीता मुर्मू के खिलाफ महुआटांड़ थाना और खुखरा थाना में यूएपीए, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम के तहत कई गंभीर मामले दर्ज है मुठभेड़ में शामिल रहने की पुष्टि उसने स्वयं के बयान से हुई है।
जिसे पुलिस ने रिकॉर्ड किया है फिलहाल सुनीता को कानूनी प्रक्रिया के तहत पुनर्वास योजना में शामिल किया जा रहा है

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